महिला मेट और महिला लाभार्थियों को किया सम्मानित
रांची। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसी का नतीजा है कि हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। वह चाहे महिला जनप्रतिनिधि हों या एसएचजी, महिला श्रमिक अथवा महिला मेट। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह पर आयोजित कार्यक्रम में महिला मेट एवं लाभार्थियों के सम्मानित किया।
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मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए जरूरी है कि महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ाई जाए। ग्रामीण विकास विभाग महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम चला रहा है। महिलाएं आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनें, यह सरकार की सोच है। उन्होंने कहा कि समाज में नारी शक्ति के उत्थान के बिना किसी भी प्रकार के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। एक महिला के विकास का मतलब एक पूरे परिवार का विकास है। इसलिए समाज के हर वर्ग को महिला उत्थान की दिशा में सक्रिय एवं सार्थक योगदान देना चाहिए।
50 लाख से अधिक परिवारों को दिये गये जॉब कार्ड
मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि झारखंड में 50 लाख से अधिक परिवारों को जॉब कार्ड दिया गया है, उसमें से 21 लाख से अधिक महिलाएं निबंधित हैं। पूरे राज्य में 4.8 करोड़ मानव दिवस सृजन किया है। महिलाओं की भागीदारी को और अधिक बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी दीदी बाड़ी योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना से जुड़ कर महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं। सरकार की सोच है कि महिलाओं की आजीविका के साधन को बढ़ाया जाये। मनरेगा के अंतर्गत चलने वाली कई योजनाओं से महिलाओं को रोजगार और स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
जेएसएलपीएस का महत्वपूर्ण योगदान
झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के सीईओ सूरज कुमार ने कहा कि पूरे राज्य में सखी मंडल का गठन किया जा रहा है। इन सखी मंडल के माध्यम से कई कार्य किये जा रहे हैं, जिनसे महिलाएं आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बन रही हैं। महिला सशक्तीकरण की दिशा में जेएसएलपीएस महत्वपूर्ण योगदान निभाकर महिलाओं की आर्थिक एवं सामाजिक विकास में सहायक साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जेएसएलपीएस के तहत पलाश ब्रांड को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं। आने वाले दिनों में पलाश ब्रांड एक बेहतरीन ब्रांड के तौर पर उभर कर सामने आयेगा।
महिला मेट एवं लाभार्थियों ने साझा किए अनुभव
महिला मेट एवं लाभार्थियों ने अपने अनुभव एवं विचार साझा किए। गुमला जिले के बसिया प्रखंड की लाभार्थी विश्वासी कुजूर ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ लेकर आज वह स्वावलंबी बन रही हैं। मनरेगा के तहत दीदी बगिया योजना का लाभ लेकर आज पशुपालन से जुड़ी हुई हैं। मुर्गी पालन, बत्तख पालन कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
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खूंटी के तोरपा की महिला मेट एतवारी देवी कहती हैं कि मनरेगा से जुड़ने के पहले परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय थी। परिवार की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती थीं। मनरेगा मेट के रूप में जुड़ने के बाद उनकी आय में भी वृद्धि होने लगी। मनरेगा के तहत आम बागवानी एवं अंतर कृषि कर उनकी आय में बढ़ोत्तरी होने लगी। कार्यक्रम में महिला मेट एवं महिला लाभार्थियों का उत्सव से संबंधित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
ये हुई सम्मानित
इस मौके बेड़ो प्रखंड की रुकसाना खातुन, सोनाहातू की माहेश्वरी देवी, तोरपा की एतवारी देवी, रनिया की ममता देवी, घाघरा, गुमला की सीता देवी, कैरो की संगीता देवी, किस्को की रशिदा खातुन, पतरातु की रेखा देवी एवं माण्डू की रूपा देवी सम्मानित हुईं। लाभार्थियों में पूनम देवी,निर्मला देवी,पुष्पा देवी, विश्वासी कुजूर,रिंकी देवी, सुमनती तिग्गा आदि थीं।
कार्यक्रम में जलछाजन के सीईओ विनयकान्त मिश्रा, ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव रंजीत रंजन प्रसाद, अवर सचिव चन्द्रभूषण समेत कई पदाधिकारी, विभिन्न जिलों से आई महिला मेट एवं लाभार्थी उपस्थित थे.
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